सरस्वती ग्रामोदय विद्यालय के नाम से १२ वीं कक्षा तक का विद्यालय संचालित हो रहा है |
स्व. शरद जी महरोत्रा की स्मृति में एक शरद स्मृति छात्रावास भी संचालित हो रहा है |
प्रतिवर्ष निःशुल्क विशेष शिक्षण कक्षा चलाई जाती है | जिसमें छात्रों को योग्य शिक्षकों द्वारा विभिन्न विषयों पर मार्गदर्शन मिलता है |
छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने की दृष्टि से विद्यालय एवं महाविद्यालय के छात्रों की विज्ञान संगोष्ठी का आयोजन किया गया |
न्यास द्वारा आस पास के २१ गांवों में संस्कार केंद्र चलाये जाते है | जिसमें स्वालंबन के कार्य जैसे सिलाई प्रशिक्षण आदि किये जाते है |
वनांचल में निवास करने वाले वनवासी बंधू के सर्वांगीर्ण विकास के लिए एकल विद्यालय चलाये जाते है |
भारत यह कृषि प्रधान देश है, यह हमें पढ़ाया गया है। किन्तु वास्तविकता यह है कि भारत एक उद्योग प्रधान देश रहा है एवं यहॉ की अर्थ व्यवस्था कृषि प्रधान रही है। विभिन्न तकनीकियों द्वारा उत्पादन करने वाले कारीगर थे और सेवा करने वाले कारीगर भी थे। दोनों ही ग्रामवासियों की आवश्यकता पूर्ण करते थे।
न्यास की कुल भूमि से २६ एकड़ परिसर में वेणुभारती परिसर बनाया गया है। जिसमें मुख्यरूप से बाँस की उपलब्धता अन्य वृक्षों की तुलना में लक्षणीय है । क्षे़त्र के ९०० कारिगरों को साप्ताहिक अल्पकालीन प्रशिक्षण मे प्रशिक्षित किया गया।
गौशाला की स्थापना सन १९९३ में हुई सन १९९४ में भारत भारतीय बैतूल द्वारा १२ गाय प्राप्त हुई । जिसमें ८ गाय व ४ बच्छड़े प्राप्त हुए सन १९९४ से न्यास द्वारा वृ़द्ध गायों की सेवा का कार्य प्रारंभ किया गया । जिसमें विभिन्न ग्रामों से आई गायों की संख्या में वृद्धि हुई और वृद्ध गायों की सेवा का कार्य चल रहा है ।
गौ विज्ञान अनुसंधान केंद्र का भूमिपूजन १० अगस्त सन २०१२ को माननीय सुरेश जी सोनी के कर कमलों द्वारा किया गया । गौ आधारितदवाओं के प्रयोग पर बल दिया गया । यहाँ पंचगव्य चिकित्सा प्रणाली के द्वारा रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने और सुदृढ़ करने हेतु आधुनिक तकनीकों द्वारा अनेक अनुसंधान किए जायेंगें ।
जडीबुटी के माध्यम से तथा आयुर्वेद से रोगों के समाधान हेतु प्रयास तेज हो गये है । जिसके लिए न्यास परिसर के पूर्वी भाग में ३ एकड़ भूमि पर ७५ प्रकार की औषधीय पौधो की रोपणी तैयार की गई जो कि सभी दुर्लभ प्रजाति की हैं । इस वर्ष प्रोजेक्ट द्वारा १०१ प्रकार के दुर्लभ प्रजाति के पौधों को रोपित किया गया है यह रोपणी बनखेड़ी ब्लाक का आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है ।
भाऊ साहब भुस्कुटे स्मृति लोक न्यास ग्राम सेवा का कार्य स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से किया जा रहा है । १९९४ से न्यास के अन्दर सर्वरोग निदान शिविर किया गया जिसमें २००० व्यक्तियों का उपचार किया गया जिसके दौरान ८५ नेत्र आपरेशन के केसेस आये । इस प्रकार प्रतिवर्ष दो बड़े शिविर व एक नेत्र शिविर का आयोजन किये जाने लगा अभी तक सैकडों शिविरों में २४,००० व्यक्तियों से भी ज्यादा लोगों का रोगोंपचार किया जा चुका है ।
न्यास आत्म निर्भर और स्वाबलंबी बने इस हेतु कृषि तथा बागवानी के क्षेत्र में प्रयास कर रहें हैं। न्यास में पूर्व उपलब्ध अनुपयुक्त भूमि जिसका स्वरूप जंगल के समान हो चुका था । वर्षों से पड़ी बेकार भूमि जिसमें झाड़ी आदि साफ कराकर कृषि योग्य बनाया गया। इस हेतु मई २०११ में विभिन्न यांत्रिक विधियों द्वारा सुधार किया गया। जून २०११ में अनार पौध रोपण की पूर्व तैयारी की गई। तथा किसान इरीगेशन कंपनी द्वारा ड्रिप सिस्टम द्वारा लगाया गया। जिसके लिए मध्य परिक्षेत्र में नलकूप खनन का कार्य हुआ तथा २५० फीट गहरा सफल नलकूप लगाया गया। तथा आवश्यकता पड़ने पर वेणु भारती परिसर के नलकूप से सिस्टम का कनेक्सन किया गया। पूरे ड्रिप सिस्टम में 90m.m.75m.m. तथा 63m.m.पाइपों का प्रयोग हुआ तथा 16 m.m.की लेटरल बिछायी गई। एक लेटरल पर अधिकतम 30 पौधे रखे गए।
कृषक आधुनिकता के साथ-साथ आधुनिक कृषि कर रहा है। किन्तु भूमि की उर्वरकता के साथ खिलवाड कर रहा है। रासायनिेक खादो के प्रयोग से भूमि बंजर हो रही है। जिससे भूमि की उर्वरक शक्ति कम हो रही है। कृषक रासायनिक खाद के भार से दबता जा रहा है। अलाभकारी जोते बढती जा रही है। कृषि की रूचि समाप्त होती जा रही है। नवयूवक कृषक खेती को छोडकर दूसरे क्षेत्रो की ओर जा रहे है। गोबर एवं गौमूत्र का प्रयोगाभाव है। कोई गोबर एवं गौमूत्र का प्रयोग सही ढंग से नही बता पा रहे है। किसान रासायनिक खाद का प्रयोग बंद नही कर सकता क्योकि एकदम प्रयोग के असर से उत्पादन शून्य हो जाता है। इसलिये जैविक खेती का प्रयोग किसान नही कर पा रहे है। रासायनिक खादो के प्रयोग से पर्यावरण पर बुरा प्रभाव पड रहा है। पर्यावरण संतुलन के लिये जैविक कृषि की ओर किसानो को जगाना पडेगा। जब ही रोग मुक्त समृ+द्ध देश का निर्माण हो सकेगा। प्रायोगिक जैविक खेती के घटक जो प्रक्षेत्र पर तैयार कर कृषको को प्रशिक्षण एवं प्रायोगिक रूप से सिखाये जायेगे।
सरस्वती ग्रामोदय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गोविंदनगर
पलिया पिपरिया
अभिवावक गोष्ठी प्रतिवेदन 2015
सरस्वती ग्रामोदय शिक्षा विकास समिति द्वारा 1992 में ग्रामीण अंचल में शिक्षा के विकास के लिए 60 भैया/बहिनो से सरस्वती ग्रामोदय विद्यालय कि स्थापना न्यास परिसर में की गयी थी | वर्तमान में यह विद्यालय कक्षा 12वी तक संचालित है , कृषि संकाय की अनुमति व् मान्यता प्राप्त है | लगभग 800 भैया/बहिन संस्कारक्षम वातावरण में शिक्षा प्राप्त करने 23 गाँवो से अध्ययन करने आते है | विद्यालय का एक छात्रावास है जिसमे 30 भैया न्यूनतम शुल्क में अध्ययनरत है |
इस वर्ष कि उपलब्धिया ;-
· इस वर्ष प्रान्त कि योजना से ‘आदर्श शिशु वाटिका’ सर्वसुविधा युक्त प्रारंभ की गयी है जिसमे 33 भैया - बहिन “ बिना बसता “ बेगलेस शिक्षा प्राप्त कर रहे है |
· इस वर्ष विद्यालय में कृषि संकाय प्रारंभ किया गया है जिसमे 46 भैया बहिन अध्ययनरत है |होसंगाबाद जिले में पहला प्राइवेट विद्यालय जहाँ कृषि विषय है |
· विद्यालय में कौशल विकासउन उनयन पहल योजना के अंतर्गत दो VTP कक्षाये संचालित है जिसमे बेसिक कम्पूटर ,टेली ,बम्बू फब्रिकेस्शन,एग्रीकल्चर,डेरी फार्मिंग,बर्मी कोम्पोस्ड के कार्य संचालित है |
· ग्रामीण अंचल से भैया - बहिनों को लेन हेतु विद्यालय में तीन वाहन उपलब्ध है, इस वर्ष एक बड़ी स्कूल बस क्रय की गई है |
· इस वर्ष विद्यालय में टीच नेस्ट एजुकेशन की कक्षा में वृद्धिकर तीन क्लासो में यह सिस्टम संचालित है |
· विद्यालय में 25 कंप्यूटर के द्वारा सुव्यवस्थित लैब है | जिसमे कंप्यूटर क्लास संचालित है |
· बोर्ड कक्षाओ का परिणाम ठीक रहे इस हेतु इस वर्ष कई नवाचार किये गये | साप्ताहिक परीक्षा,विशेष कक्षाये , वर्गाशह विभाजन ,विशेष प्रश्नों का संच के साथ गणित , अंग्रेजी कि विशेष कक्षाये संचालित है |
· विद्यालय में इस वर्ष खेल आचार्य कि न्युक्ति कर खेल गतिविधियों को संचालित किया जा रहा है | जिसमे खेल प्रतिभा का विकास हुआ है | विद्यालय से 73 भैया - बहिन जिलास्तर पर, 45 विभाग व् 32 प्रान्त तथा 05 भैया - बहिन क्षेत्र स्तर पर चयनित हुए |
· विद्यालय में 24 घंटो की विधुत आपूर्ति के कनेक्शन प्रगति पर है |
· विद्यालय में भैयाओ के लिए प्रसाधन का कार्य इस वर्ष पूर्ण हो चुका है |
आगामी वर्ष की योजना ;-
· आने वाले वर्ष में पुस्तकालय ,प्रयोगशाला कक्ष के निर्माण की योजना है|
· विद्यालय में संगीतशिक्षा प्रारंभ करने की योजना है |
· कक्षा 9 से 12 तक में टीचनेस्ट एजूकेशन सिस्टम पर कक्षायें संचालित करने की योजना है |
· 400 मीटर रनिंग ट्रैक के निर्माण की योजना है | बास्केटबॉल.टेबल टेनिस ,व्हालीबाल इन्डोर गेम्स की योजना है |
· कृषि संकाय की प्रयोगशाला के निर्माण की योजना है |
· बहिनों के लिए प्रसाधन की योजना है |
· दो कक्षा कक्ष के निर्माण की भी योजना है |
ग्रीष्मकालीन कार्य योजना;-
· इस वर्ष भी ग्रीष्मकालीन कक्षाये संचालित होगी | इसमे कम्पूटर, संगीत, स्पोकन इंग्लिश की कक्षाये संचालित होगी |
· खेल प्रतिभा के विकास के लिए समरकेंप भी ग्रीष्मकाल में संचालित होगा |
प्रोत्साहन योजना ;-
· कक्षा 10वी एवं 12वी में 90 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले भैया बहिनों को प्रुस्क्रत करने की योजना है | 90 प्रतिशत वाले भैया बहिनों को स्मार्टफोन , जिला प्रवीण सूची में आने वाले भैया-बहिनों को टेबलेट्स तथा राज्य प्रवीण सूची वाले भैया बहिनों को लेपटॉप पुरुस्कार स्वरूप प्रदान किया जायेगा |
पालको से अपेक्षा ;-
· भैया बहिनों को प्रतिदिन विद्यालय भेजे |
· गणवेश , पद्वेश जुलाई के पूर्व तैयार करावे |
· विद्यालय में भैया-बहिनों की जानकारी के लिए सतत संपर्क में रहे |
· विद्यालय शुल्क समय पर भुगतान करे |
· शैक्षणिक प्रगति की जानकारी हेतु विद्यालय पधारे |
कृषि विज्ञान केंद्र गोविंदनगर जिला होशंगाबाद मार्च 2018 से प्रारंभ हुआ इसके बाद पूर्ण प्रक्रिया एवं सभी कर्मचारियों के भर्ती के उपरान्त कृषि तकनिकी एवं किसान के साथ मध्यस्ता कर कृषि कार्य को आगे बढया जा रहा है जो भाऊसाहब भुस्कुटे स्मृति लोक न्यास गोविंदनगर के उद्देश्य को पूर्ति करते हुए गौ-आधारित एवं जैविक कृषि को बढ़ावा देता है। कृषि विज्ञान केंद्र किसानो के साथ सतत संपर्क कर खेती से जुड़े सभी प्रकार के सलाह एवं निराकरण किया जा रहा है।
कृषि विज्ञान केंद्र ऐसी संस्थाएं हैं जो किसानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने से लेकर विभिन्न कृषि उत्पादन प्रणालियों के अंतर्गत नई तकनीक बीज एवं रोपण सामग्री का किसानों के खेत पर परीक्षण आदि करने तक के कार्य करती है।
कृषि विज्ञान क्रन्द्र के प्रमुख कार्य एवं गतिविधियाँ
प्रमुख कार्य :
प्रौद्योगिकियों/उन्नत प्रजातियों/उत्पादों का मूल्याकन, सुधार एवं प्रदर्शन
प्रमुख गतिविधिया
विभिन्न प्रणालियों में तकनिकों का स्थानीय विशिष्ट परिस्थियों में मूल्यांकन हेतु प्रक्षेत्रीय परीक्षण करना।
कृषक प्रक्षेत्रों पर नविनतम प्रौद्योगिकियों की उत्पादन क्षमता स्थापित करने के लिए और फीडबैक सुचना प्राप्त करने हेतु अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन आयोजित करना।
कृषको, कृषक महिलाओं एवं कृषि विस्तार कर्मियों को उनके ज्ञान एवं आधुनिक कृषि
तकनिकी के उन्मुख विकास हेतु प्रशिक्षण आयोजित करना
जिले की अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए सार्वजनिक, निजी और स्वेच्छिक क्षेत्र की पहल करने के लिए कृषि प्रौद्योगिकी के संसाधन और ज्ञान केंद्र के रूप में कार्य करना
किसान मेला, प्रक्षेत्र दिवस, सामयिक अभियान, पूर्व प्रशिक्षनार्थी शिविर आदि विस्तार
गतिविधियों के माध्यम से उन्नत प्रौद्योगिकी के बारे में जागरूकता पैदा करना
उन्नत बीज एवं रोपण सामग्री कृषको को उपलब्ध करना
कृषि विज्ञान केंद्र गोविंदनगर के उद्देश्य
जैविक कृषि को बढ़ावा देना
रोजगार सृजन
प्राकृतिक संसाधन आधारित आजीविका संबर्धन
दुधारू पशु आधारित उत्पादन प्रणाली
महिलाओ एवं बच्चो के लिए पोषण सुरक्षा
स्टाफ के नाम
01 श्री ब्रजेश कुमार नामदेव वैज्ञानिक (कीट विज्ञान) 9713029007
02 डॉ. संजीव कुमार गर्ग वैज्ञानिक (कृषि प्रसार ) 9074929751
03 डॉ. देवीदास पटेल वैज्ञानिक (पौध प्रजनन) 9424854251
04 श्री लवेश कुमार चैरसिया वैज्ञानिक (बागवानी) 9425990334
05 डॉ. आकांक्षा पांडे वैज्ञानिक (गृह विज्ञान) 9425814702
06 डॉ. दिवाकर वर्मा वैज्ञानिक (पशुपालन एवं प्रबंधक) 8004115422
07 श्री प्रवीण सोलंकी कार्यक्रम सहायक (मृदा परीक्षण) 9893308407
08 श्री पंकज शर्मा कार्यक्रम सहायक (प्रक्षेत्र प्रबन्धक) 9713309916
09 श्री राहुल माझी कार्यक्रम सहायक (कम्प्युटर) 7049488553
10 श्री विकास कुमार मोहरीर सहायक 9893780803
11 ओमकार सिंह राजपूत चालक 8223026737
12 श्री जितेंद्र कुमार जैन कुशल सहायक स्टाफ 9713949900
13 पियूष झा कुशल सहायक स्टाफ 8839539126
कृषि विज्ञान केंद्र के गतिविधियाँ
प्रशिक्षण - कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा विभिन्न कृषि उत्पादन प्रणालियों के अंतर्गत स्थान विशेष के लिए नई तकनीक बीज एवं रोपण सामग्री का किसानों के खेत पर परीक्षण दिया जाता है। किसानों के खेतों पर विभिन्न फसलों पशुपालन व अन्य कृषि आधारित उद्योगों पर उनकी उत्पादन क्षमता सिद्ध करने के लिए अगर पंक्ति के प्रदर्शन आयोजित करना एवं जिला कृषि विस्तार कर्मियों के माध्यम से वृहद प्रसार का कार्य किया जाता है। आधुनिक कृषि प्रौद्योगिकी में किसानों के ज्ञान व कौशल को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना। औद्योगिक विकास के नवीनतम क्षेत्रों में जिलावार कृषि विस्तार कर्मियों के ज्ञान को बढ़ाने के लिए उन्हें प्रशिक्षण दिया जाता है।
विस्तार कार्य - किसानो को जागरूक एवं कृषि तकनिकी जानकारी प्रदान करने के उद्देश्यों से समय समय पर विस्तार कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इसके अंतर्गत किसान मेला, किसान गोष्टी, फिल्म प्रदर्शन, निदानात्मक भ्रमण, पशु स्वास्थ्य शिविर, मृदा स्वास्थ्य शिविर, पौधारोपण, साहित्य प्रकाशन एवं महत्वपूर्ण दिवस जैसे गाजरघास उन्मूलन, स्वस्छता ही सेवा, जैव विविधता दिवस, किसान दिवस, पर्यावरण दिवस, मिदा दिवस, किसान दिवस आदि कार्यक्रम किसानो के सहयोग से कृषि विज्ञानं केंद्र पर या ग्रामो में आयोजित किया जाता है।
KMA (किसान मोबाईल एडवाईजरी) - कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से किसानो को अपने मोबाईल में मेसेज के द्वारा कृषि की नई तकनिकी, मौसम एवं अन्य कृषि से जुड़े महत्वपूर्ण जानकारी सप्ताह में दो बार प्रदान किया जाता है जिससे उनकी कार्यक्षमता तथा कौशल को बढाया जा सके।
प्रदर्शन
OFT(प्रक्षेत्र प्रदर्शन) - कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से किसानो के खेतो में तुलनात्मक अध्यन किया जाता है ताकि यह निष्कर्ष निकला जा सके की प्रशिक्षण की गई कौनसी तकनीक जिले में उपलब्ध संसाधनों के लिए उपयुक्त और लागत प्रभावी है। यह सहयोगी अध्ययन का एक रूप है जहाँ किसान के दृष्टिकोण को सबसे अधिक महत्व दिया जाता है।
प्रक्षेत्र परिक्षण का उद्देश्य किसानो के प्रक्षेत्र में उनके प्रबंधन के तहत उनकी कृषि प्रणाली क दृष्टिकोण और उनकी सक्रीय भागीदारी को बढ़ावा देना है इसके अंतर्गत मृदा स्वास्थ्य प्रबन्धन, प्रकृति संसाधनों का प्रबंधन, खरपतवार प्रबंधन, पशुपालन, कीटनाशको दवाओ का उपयोग में कमी करना आदि शामिल है।
CFLD(अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन) - इसके माध्यम से कृषि विज्ञान केंद्र किसानो को नै तकनीक के बारे में बताते है जो की उत्पादन की लागत को कम करने, कीट व् रोगों को नियंत्रित करने के लिए, पैदावार को बढ़ाने के लिए तथा महिलाओ के परिश्रम को कम करने के लिए कृषि औजार तथा नैनतम प्रोद्य्गिकी उपकरण के उपयोग के बारे में बताया जाता है। अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन के अंतर्गत प्रक्षेत्र दिवस भी मनाया जाता है।
मृदा परिक्षण - कृषि विज्ञान केंद्र में वर्त्तमान में डपदप ैवपस ज्मेजपदह ज्ञपज (मृदा परीक्षक) द्वारा जिले के विभिन्न स्थानों से एकत्रित मृदा नमूनों का परिक्षण किया जा रहा है एवं रिपोर्ट कार्ड के आधार पर किसानो को फसलो के लिए उचित पोषक तत्वों के प्रबंधन पर सलाह दी जा रही है
प्रक्षेत्र भ्रमण -कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक समय समय पर किसानो के खेत पहुचकर खेती में आने बाली समस्याओ का समाधान एवं उचित सलाह प्रदान करते है ।
समसमाहिक सलाह - कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा साप्ताहिक हाट बाजार में किसानो को वर्तमान एवं आगमी फसलो से सम्बंधित जानकारी प्रदान किया जाता है साथ ही पत्रक, पत्रिका के माध्यम से भी किसानो उनके ग्रामो में पहुचकर जानकारी प्रदान की जाती है।
संपर्क सूत्र
कृषि विज्ञान केंद्र बनखेड़ी
भाऊसाहब भुस्कुटे स्मृति लोक न्यास गोविंदनगर
पलिया-पिपरिया, तह- बनखेड़ी, जिला - होशंगाबाद (म.प्र.)