गौशाला की स्थापना सन 1993 में हुई सन 1994 में भारत भारतीय बैतूल द्वारा 12 गाय प्राप्त हुई । जिसमें 8 गाय व 4 बछड़े प्राप्त हुए सन 1994 से न्यास द्वारा वृ़द्ध गायों की सेवा का कार्य प्रारंभ किया गया । जिसमें विभिन्न ग्रामों से आई गायों की संख्या में वृद्धि हुई और वृद्ध गायों की सेवा का कार्य चल रहा है ।
गौसंवर्धन बोर्ड द्वारा सन 08 12. 2003 में मान्यता प्राप्त हुई पंजीयन क्रमाकं 438।जीव जन्तु बोर्ड चैनई द्वारा मान्यता सन 2010 में प्राप्त हुई ।
सन् 2010 में 60 वृद्ध गाय रहीं व सन 2011 से 40 गायों की सेवा की जा रही है । जिसमें दुधारू गाय 6 है, 3 गाय ज्ञावन हैं 6 गीर नश्ल की हैं एक गिर नश्ल का नन्दी है, 2 गीर नश्ल की दुधारू गाय है एक हरियाणा नश्ल का नन्दी है व एक देशी नन्दी है व तीन बैल व एक वृद्ध नन्दी है, 10 वृद्ध गाय हैं, 10 छोटे बच्चे जिसमें 6 बछडे़ व 4 बछियां हैं, गाय रखने के लिये 80 35 का भवन है व भूसा गह है जिसमें 100 ट्राली भूसा भरा जाता है सन् 2010 नया भूसा घर का निर्माण हुआ है 200 ट्राली भूसा भरा जा सकता है । गायो को पानी पीने के लिये पानी की टंकी है और एक ट्यूवबेल है जिससे पानी भरा जाता है खेती के लिये उपयोगी है । गौशाला में सेवारत् कर्मचारी की संख्या 4 है
गौशाला के लिये एक उप समिति है जो समय समय पर गौशाला के विषयों पर चिंतन करती है व गौशाला के लिये अन्न दान व भूसा दान के लिये ग्रामों के बड़े किसानों से दान के लिये सहयोग करवाते है । और गौशाला की समिति की वर्ष में 3 बैठके होती है जिसमें गौशाला की समस्याओं का हल करने का विचार विमर्श करते हैं।
न्यास द्वारा 15 गौदान पात्र भी रखे गये हैं । गौशाला की गायों के लिये डेढ़ एकड़ भूमि हरे घास, बर्सिम, चरी की समय समय पर बोई जाती है गायों को घूमने के लिये, चराने के लिये 5 एकड़ में हरी घास लगाया गया है । गायों को दाना व सानी भी दी जाती है गायों की स्वास्थ्य की जांच के लिये पशु चिकित्सक भी यहां सप्ताह में 2 बार आते है । गायों के स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन भी किया जाता है जिसमें विभिन्न ग्रामों के पशु पालक लाभांवित होते है ।
गौवर गैस प्लांट जिससे भोजनालय के लिये उपयोगी है गौवर गैस की सैलरी खाद खेती के लिये उपयोग में लिया जाता है । गोवर से तैयार खाद हमारे यहां अनार में 20 ट्राली दिया गया व जड़ी बूटी में 5 ट्राली खाद दिया गया व गन्ना में में 10 ट्राली गोवर खाद दिया गया है।
गौशाला द्वारा उत्तम खेती के लिये हर वर्ष किसान सम्मेलन का आयोजन किया जाता है जिसमें कृषि विशेषज्ञों द्वारा किसानों को अच्छी खेती के बारे में जानकारी दी जाती है । व जैविक खेती के बारे में प्रशिक्षण दिये जाते हैं जिससे यहां के विभिन्न ग्रामों के किसान लाभांवित होते हैं व अच्छी खेती भी कर रहे हैं ।
भूसा घर बैल गाड़ी कटिया मशीन पानी की टंकी